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वियतनाम युद्ध और महाराणा प्रताप

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  वियतनाम युद्ध और महाराणा प्रताप वियतनाम युद्ध और महाराणा प्रताप : वियतनाम विश्व का एक छोटा सा देश है जिसने अमेरिका जैसे बड़े बलशाली देश को झुका दिया। लगभग बीस वर्षों तक चले युद्ध में अमेरिका पराजित हुआ। अमेरिका पर विजय के बाद वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष से एक पत्रकार ने एक सवाल पूछा… जाहिर सी बात है कि सवाल यही होगा कि आप युद्ध कैसे जीते या अमेरिका को कैसे झुका दिया… ?? पर उस प्रश्न का दिए गए उत्तर को सुनकर आप हैरान रह जायेंगे और आपका सीना भी गर्व से भर जायेगा। दिया गया उत्तर पढ़िये…!! सभी देशों में सबसे शक्ति शाली देश अमेरिका को हराने के लिए मैंने एक महान व् श्रेष्ठ भारतीय राजा का चरित्र पढ़ा। और उस जीवनी से मिली प्रेरणा व युद्धनीति का प्रयोग कर हमने सरलता से विजय प्राप्त की..!! आगे पत्रकार ने पूछा… “कौन थे वो महान राजा ?” मित्रों जब मैंने पढ़ा तब से जैसे मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया आपका भी सीना गर्व से भर जायेगा…!! वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष ने खड़े होकर जवाब दिया… “वो थे भारत के राजस्थान में मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप सिंह !!” महाराणा प्रताप का नाम लेते समय उनकी आँखों में एक व...

प्रधानमंत्री मोदी जी को सुझाव

 नमस्कार प्रधानमंत्री जी। आप जो कृषि बिल लाये वो एक लिहाज से तो किसानों के लिए बहुत अच्छा है लेकिन दूसरा पहलू देखिये। उत्तर प्रदेश की बात करते है, सरकार का लक्ष्य 50 लाख टन खरीद का है, भंडारण क्षमता 41 लाख टन, पैदावार 169 लाख टन, दलालो के माध्यम से बिक्री हो जाती थी लेकिन पंजाब और हरियाणा ने अपने राज्यो में रोक लगा दी कि उत्तरप्रदेश से न ले। ऐसे में यहां का आढ़ती जो नगद देकर किसान से खरीद करके बेचता था, उसने खरीद बंद कर दी, सरकार की क्षमता नही सारा धान खरीदने की, अब किसान का धान कोई 12 रुपये में भी नही ले रहा जो पहले 16.50 में बिक रहा था। एमएसपी 1860 की आपने निर्धारित कर दी, लेकिन कोई अपनी स्वेच्छा से 1650 में भी नही बेच पा रहा, पैदावार के रिकॉर्ड है और खरीद की क्षमता नही है। पंजाब हरियाणा में रोक है जबकि कोई कहीं भी माल अपना बेच सकता है की छूट है। बहुत बड़ा वर्ग प्रभावित हो रहा है, जल्द से जल्द संसोधन करिये अन्यथा सब कुछ बर्बाद हो जाएगा, पहले कोविड19 ने मारा अब जो आशा थी, धंधे से उसे आपने। कहीं ऐसा न हो कि आपके बनाये हुए विकसित देश के नियम भारत जैसे विकासशील देश पर भारी पड़ जाएं और अ...

क्या वाकई मीडिया बिकाऊ है?

आने वाले त्योहारों की शुभकामनाएं।। #ब्रेकिंग न्यूज एक दो दिन बाद पूरा मीडिया एक ही खबर दिखायेगा:- इंदौर में ५००किलो नकली मावा पकड़ा गया, मथुरा में २५००लीटर नकली दूध बरामद! जोधपुर में नकली खोये की खेप पकड़ी गयी है, मध्य प्रदेश में मिठाई में मिलावट का कारोबार ! कुछ लालची लोग ज्यादा मुनाफे के लालच में ऐसा करते है लेकिन सभी को एक तराजू में तौलना गलत है। फिर मीडिया वाले बोलेंगे:- "हम लेते हैं बस २ मिनट का ब्रेक" ब्रेक में क्या आएगा? नया कैडबरी चोकलेट, इसे खाइये और त्यौहार की खुशी मनाइये। फिर आएगा इस दीवाली कुरकुरे या लैस पेप्सी कोक मैगी... इस दीवाली अपनो को दीजिए कैडबरी लड्डू, त्यौहार के संग कुछ मीठा हो जाए। सब के सब विदेशी कम्पनीयों के विज्ञापन क्यों ??? फिर २ मिनट बाद..... उदयपुर में अभी-अभी मिलावटी मिठाई बरामद हुई है और आरोपी को पकड़ लिया गया ! अपने प्यारे भारत देश मे बैठे गद्दारों को ये बात बहुत जल्दी समझ में आती है कि दूध और खोया में मिलावट है... लेकिन कैडबरी या अन्य उत्पाद में कितना केमिकल मिला है, कुरकुरे पेप्सी में कितना जहर है, ये समझ में नही आता। एक बात पक्की है कि कु...

कोरोना काल से उबरने में रुकावट के नए नियम

मार्च 2020 से कोरोना की चपेट में आने के बाद अधिकतर लोग लॉकडाउन में अपने व्यापार से हाथ धो बैठे। खर्च में कटौती भी सम्भव न थी, क्योकि सरकार भी कह रही थी दूसरों की सहायता करें, बस एक आस थी कि जब भी व्यापार खुलेगा तो शून्य से शुरुआत होगी और परिश्रम से पुनः अर्जित कर सकेंगे जिसे खोया है। भारत की सबसे विश्वशनीय आय का स्रोत कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यवसाइयों का है। उत्तर प्रदेश सरकार जब धान खरीद का लक्ष्य 50 लाख मीट्रिक टन रखती है और 55 लाख मीट्रिक टन खरीद करती है और अपनी पीठ थपथपाती है तो इसका मतलब यह नही है कि इतनी ही पैदावार हुई और सरकार ने सब एमएसपी पर खरीद लिया, और किसान समृद्ध हो गया, सरकार की सोच से कहीं अधिक पैदावार होती है, लगभग 150 लाख मीट्रिक टन। अब वो 100 लाख मीट्रिक टन अनाज का वितरण अन्य प्रदेशों में हो जाता था, और उस व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों की आस भी इसी सीजन से थी कि कोविड19 से उठने में उनकी सहायता इसी से होगी। लेकिन अनलॉकडाउन से ठीक पहले सरकार द्वारा लाये गए कृषि बिल से सब खत्म हो गया, जहां एक ओर अभी भी किसान उसी हालत में है जहां पहले था लेकिन सरकारी तंत्र से जो आम व्यापारी उ...

भारतीय राजनीतिक परिवार

ऐसा क्यों है कि भारत जैसे देश मे 60 वर्षो तक किसी न किसी रूप में कांग्रेस की ही सरकार रही, वजह साफ थी भारत अंग्रेजो का गुलाम देश था, और कई शताब्दियों तक गुलाम रहना मानसिकता में आ गया था, जिसकी वजह से जनता अंग्रजों की गुलामी मानसिकता से हटकर कांग्रेस पार्टी के एक परिवार की गुलाम बनकर रह गयी। किन्तु परिवर्तन संसार का नियम है,और जो कल था न वो आज है न कल होगा। और इसी क्रम में भारत की युवा पीढ़ी ने इसे बखूबी समझा भी और अपने परिवारों को समझाने में कामयाब हुए जिसके परिणाम स्वरूप, भारत मे कांग्रेस का पतन निरन्तर जारी है। जब किसी के यहां कोई बच्चा बड़ा होता है तो परिवार उसे उसकी प्रतिभा के अनुसार उसको मार्ग चुनने के लिए प्रेरित करते है, जरूरी नही कि पहलवान का बेटा पहलवान, क्रिकेटर का बेटा क्रिकेटर, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर ,डॉक्टर का बेटा डॉक्टर हो लेकिन अगर बाप नेता है तो बेटा या बेटी भी नेता ही बनेगा ये भारत की विफलता का सबसे उत्तम उदाहरण है। जिसको गलत साबित करते हुए 20 वर्षो से मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने पूरा किया और दोबारा आकर ये बता दिया कि राजनीति...

कोरोना काल में डूबती जिंदगी।।

नमस्कार दोस्तो, भारत मे मार्च में जब से कोरोना केस बढ़ने चालू हुए बस उसकी रोकथाम की जगह सभी इस बात को जानने के इच्छुक ज्यादा थे कि किसकी वजह से फैल रहा है। कभी जमाती तो कभी श्रमिक तो कभी पियक्कड़ों की भारी संख्या।। लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद हम कितने गम्भीर हुए ,हमने तो जैसे सोच लिया कि लॉकडाउन नही खुला है बल्कि कोरोना खत्म हो गया है और वैसी ही जिंदगी चालू कर दी जैसे मार्च से पहले की थी, हर जगह जाम जमावड़ा पार्टी नेतागिरी धक्कामुक्की। अंत मे क्या मिला 1 लाख से अधिक मौतें। जिनके घर के लोग इस कोरोना के काल के गाल में समा गए और वो उनकी अंत्येष्टि भी नही कर पाए उनकी पीड़ा का कोई अंदाजा नही लगा सकता। मेरे जानने में एक मित्र ही कहेंगे अभी कुछ दिन पहले ही खत्म हुआ, वजह दिल का दौरा।। अभी 26 वर्ष की उम्र कितनी पीड़ा सही होगी और कितनी दिमागी उथल पुथल होगी। मैं स्वयं बहुत दुखी हूँ और ये सोचता हूँ कि अच्छे लोगो के बिना कैसे जीवन होगा आगे का। बेहतर है वो जो इस समय को मात देकर आगे आ रहे है, शून्य से शुरुवात है जीवन की, पूरे प्रयास करने होंगे तभी हम वापस उसे पा सकेंगे जो हमारे लिए है। धन्यवाद

वर्तमान भारतीय राजनीति

मौजूदा समय मे भारतीय राजनीति में विपक्ष में बैठे सभी दल सिर्फ सत्ता वापसी के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे है, सत्ता पक्ष वोटों की चिंता किये बगैर हर उस तरह के बिल ला रही है जो देश के लिए बेहतर है किंतु व्यक्ति विशेषों को उसमे खामियां दिख रही है चूंकि उनकी काली कमाई बंद हो रही है, हाल ही में आया कृषि सुधारक बिल सिर्फ कांग्रेस शाषित राज्य पंजाब में ही विरोध स्वरूप चल रहा है, लेकिन भारतीय राजनीति के स्वर्णिम युग की शुरुवात 2014 से हो चुकी है, आने वाले समय मे भारत की तरक्की में बाधा डालने वाले दो बिल सिविल कॉमन कोड ओर जनसंख्या नियंत्रण पास हो जाये जो कि अब हो भी सकते है तो भारत को आगे बढ़ने से कोई नही रोक पायेगा।। भारत अब उस दिशा में आगे बढ़ रहा है जिस दिशा में पहले अन्य देश हुआ करते थे, हम बचपन मे मेड इन जर्मनी, मेड इन जापान, मेड इन कोरिया और अब मेड इन चीन सुन रहे है ,जल्द ही आप मेड इन भारत भी सुनेंगे।। किसी देश को वहां की सरकारें सिर्फ दिशा देती है जबकि चलता वो उद्योगपतियों से है। उन्ही के टैक्स से प्राप्त हुई रकम सरकार खर्च करती है। अगर वो आगे बढ़े तो ही तो देश आगे बढ़ेगा, वरना ऐसा न होता ...